पंजाब कांग्रेस में भले ही हाईकमान ने सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर खींचतान को खत्म मान लिया हो, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। पंजाब कांग्रेस के कैप्टन बनने के बाद भी सिद्धू के तेवर नरम नहीं दिख रहे हैं और उनके कैंप की ओर से लगातार सीएम अमरिंदर सिंह पर हमला जारी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से मांग की गई थी कि सिद्धू को आपत्तिजनक ट्वीट्स करने को लेकर माफी मांगनी चाहिए। इस पर सिद्धू कैंप ने उलटे सीएम पर ही हमला बोला है कि माफी तो उन्हें मांगनी चाहिए क्योंकि उन्होंने जनता के वादे पूरे नहीं किए हैं।
जालंधर कैंट से विधायक और सिद्धू के करीबी नेता परगट सिंह ने कहा कैप्टन अमरिंदर सिंह माफी की बात कर रहे हैं। यदि किसी को माफी मांगनी ही चाहिए तो वह सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह हैं, जो जनता से किए गए वादों को पूरा करने में असफल रहे हैं। इस बीच कई ऐसे भी विधायक हैं, जो अब तक अमरिंदर सिंह खेमे के माने जा रहे थे, लेकिन अब सिद्धू के करीबी होते दिख रहे हैं। ऐसे ही एक विधायक तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने कहा कि सीएम अमरिंदर सिंह को नवजोत सिंह सिद्धू के ट्वीट्स को नजरअंदाज करना चाहिए, जैसे उन्होंने प्रताप सिंह बाजवा के साथ किया था।
बाजवा ने बीते दिनों अमरिंदर सिंह सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कई पत्र लिखे थे। विधायक मदन लाल जलालपुर ने भी सीएम अमरिंदर सिंह को सलाह दी है कि वे बड़ा दिल दिखाते हुए नवजोत सिंह सिद्धू को माफ कर दें। अमरिंदर सिंह से मुलाकतात के बाद जलालपुर ने कहा, 'नवजोत सिंह सिद्धू को माफ करना चाहिए। अमरिंदर सिंह महाराजा का बड़ा दिल है और यह दोनों के साथ मिलकर काम करने का वक्त है।' कहा जा रहा है कि बीते शनिवार को पंजाब प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात के दौरान कैप्टन ने याद दिलाया था कि सिद्धू ने उनके खिलाफ करीब 150 ट्वीट्स किए हैं।
उनका कहना था कि सिद्धू ने सार्वजनिक तौर पर इन ट्वीट्स के जरिए सरकार और प्रदेश कांग्रेस के कामकाज पर सवाल उठाए थे। वह जब तक इसके लिए माफी नहीं मांगेंगे, तब तक वह उनसे मुलाकात नहीं करेंगे। उनकी इस मांग के जवाब में ही सिद्धू कैंप ने माफी से इनकार किया है। यही नहीं उलटे उनसे ही मांग की है कि वे माफी मांगें।
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