logo

  • 28
    06:03 pm
  • 06:03 pm
logo Media 24X7 News
news-details
भारत

कोरोना टीकाकरण में तेजी के लिए मोदी सरकार का बड़ा कदम, भारत में ट्रायल बिना विदेशी वैक्सीन को मिलेगी मंजूरी

कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच देश में टीकाकरण को तेजी देने के लिए भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने विदेशों में निर्मित 'अच्छी तरह से स्थापित' कोविड-19 रोधी टीकों के लिए भारत में ट्रायल की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। सरकार के इस कदम से विदेशी टीकों के आयात में तेजी आएगी। सरकार ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब देश में दूसरी लहर कुछ शांत पड़ने के बावजूद प्रतिदिन करीब 2 लाख नए संक्रमित मिल रहे हैं और हजारों लोगों की मौत हो रही है।

भारत में इस समय एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से विकसित और भारत में उत्पादित कोविशील्ड और भारत बायोटेक-आईसीएमआर के टीके कोवैक्सीन से लोगों को टीकाकरण किया जा रहा है। रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी को भी सरकार आपातकालीन मंजूरी दे चुकी है, लेकिन अभी इसके कुछ लाख टीके ही रूस से लाए गए हैं और आने वाले दिनों में भारत में भी उत्पादन किया जाएगा। 

 

सरकार ने कहा है कि जल्दी से जल्दी टीकों के आयात के लिए फाइजर से बातचीत चल रही है। इसके अलावा जॉनसन एंड जॉनसन और मोडर्ना के साथ भी चर्चा हुई है। पिछले महीने भारत सरकार ने विदेशी टीकों को फास्ट-ट्रैक मंजूरी देने का वादा किया था, लेकिन स्थानीय ट्रायल पर जोर देने की वजह से फाइजर से बातचीत अटकी हुई थी। सरकार ने एक बयान में कहा, ''दूसरे देशों में उत्पादित अच्छे टीकों के लिए स्थानीय ट्रायल की अनिवार्यता में छूट के लिए प्रावधानों को बदला गया है।''

सरकार ने यह भी कहा है कि किसी वैक्सीन निर्माता कंपनी ने अभी भारत के दवा नियामक के पास मंजूरी के लिए आवेदन नहीं दिया है। बयान में कहा गया है, ''हम अंतरराष्ट्रीय वैक्सीन निर्माताओं से अपील को दोहराते हैं कि आएं और भारत में निर्माण करें, भारत के लिए और दुनिया के लिए।'' देश में 20 करोड़ से अधिक डोज लगाए जा चुके हैं, लेकिन महज 3 फीसदी आबादी को दोनों डोज लगे हैं।  

You can share this post!

Comments

Leave Comments