भारत में जल्द ही लड़कियों की शादी के लिए भी न्यूनतम आयु 18 की बजाय 21 साल हो सकती है। इससे संबंधित प्रस्ताव को बुधवार केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। पीएम मोदी ने बीते साल ही स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को यह बताया था कि प्रस्ताव पर समीक्षा की जा रही है।
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा था, 'यह सरकार लगातार बेटियों और बहनों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। हमारी बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिए यह जरूरी है कि उनकी शादी सही उम्र में हो।' बता दें कि मौजूदा समय में भारत में लड़कियों के लिए शादी की कानूनी उम्र 18 साल है जबकि लड़कों के लिए 21 साल।
इस योजना को व्यवहार में लाने के लिए सरकार बाल विवाह निषेध अधिनियम, विशेष विवाह अधिनियम और हिंदू विवाह अधिनियम में बदलाव करने के बारे में विचार कर रही है।
जया जेटली की अगुवाई में नीति आयोग के एक टास्क फोर्स ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया था। बीते साल जून में बनाए गए इस टास्क फोर्स के सदस्यों में, सरकार के टॉप एक्सपर्ट वीके पॉल, स्वास्थ्य मंत्रालय, महिला और बाल विकास मंत्रालय, कानून मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
टास्क फोर्स ने इस प्रस्ताव से संबंधित सुझाव इसी साल दिसंबर में भेजे हैं। टास्क फोर्स ने इस बात पर बल दिया है कि पहली प्रेगनेंसी के समय एक महिला की उम्र कम से कम 21 साल होनी चाहिए।
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